नमाज़ किस पर फ़र्ज़ है...? हर मुसलमान, आकिल बालिग मर्द और औरत पर रोज़ाना 5 वक़्त की नमाज़ फ़र्ज़ है। उसकी फ़र्ज़ीयत (यानी फ़र्ज़ होने) का इंकार कुफ़्र है। जो जान-बूझ कर एक नमाज़ तर्क करे वो सख़्त गुनाहगार और आज़ाबे नार का हक़दार है। Roman English Me Pa…
Barkati Kashana
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क्या सफर के महीने में शादी वगैरह करना शरियत में मना है? हदीस शरीफ: सफर के महीने में निकाह करना बिला शुबह जाइज़ है। बाज़ लोग सफर के महीने में इस ऐत्काद की बुन्याद पर शादी नहीं करते के इस महीने में बलाएं वगैरह उतरती हैं और यह मनहूस महीना है। यह ऐत्काद महज़ …
Barkati Kashana
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Is Article Ko Roman English Me Padhne Ke Liye Idhar Click Kijiye बिस्मिल्लाहिर-रहमानिर-रहीम: पारा 19, सूरह-नमल की तिसवीं आयत का हिस्सा भी है और अलग से कुरान मजीद की एक पूरी आयते मुबारका भी, जो के दो सूरतों के माबैन फासला के लिए उतारी गई। बिस्मिल्लाह शरीफ की …
Barkati Kashana
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