मस्जिदे अक्सा, कब्ज़ा और फ़तह एक नजर में

Barkati Kashana
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मस्जिद अल-अक्सा का क़ब्ज़ा और फ़तह (occupation and conquest) की बात करते हुए, इससे 4 अहेम वाकयात याद आते हैं:

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1. फ़तह अल-क़ुद्स (जेरूसलम की फ़तह ):

    हजरत उमर इब्न अल-ख़त्ताब (रज़ी अल्लाह अन्हु) की खिलाफ़त के दौर में, 637 ईस्वीं के बाद, मुस्लिम सेनाओं ने जेरूसलम (क़ुद्स) को फ़तह किया और इसे इस्लामी सल्तनत में शामिल किया। हजरत उमर (रदी अल्लाहु अन्हु) ने अपनी अदालत में बैत अल-मकदिस (जेरूसलम) की ताक़तवर निजी मुख़ालिफ़ीन और मसीही हुक़मरानों से शर्ती सुलह की। इस फ़तह के बाद, मस्जिद अल-अक्सा (हरम अल-शरीफ) मुसलमानों के लिए मुकद्दस मस्जिद बन गई।

2. क्रुसेडर्स (फिरंगी) का कब्जा:

   हज़रत उमर इब्न अल-ख़त्ताब (रदी अल्लाहु अन्हु) की फ़तह के तकरीबन 462 साल बाद, 1099 ईस्वीं में क्रुसेडर्स (फिरंगी) ने मस्जिद अल-अक्सा पर क़ब्ज़ा किया था। इस वक़्त, जेरूसलम (क़ुद्स) के क़ब्ज़े के लिए कुछ आरबों फिरंगी (यूरोपीयन क्रिश्चियन) फ़ौजें मध्य पूर्व में आई थीं। 15 जुलाई 1099 ईसवी को, क्रिश्चियन क्रुसेडर आर्मियों ने जेरूसलम को फ़तह करके क़ब्ज़ा कर लिया और इससे मुसलमानों के लिए मुकद्दस जगहों पर उनका नियंत्रण ख़त्म हो गया था। इस वक़्त, मस्जिद अल-अक्सा भी उनके क़ब्ज़े में आई।

3. सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी की फ़तह:

   क्रुसेडर्स के क़ब्ज़े के तकरीबन 88 साल के बाद, सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी ने मस्जिद अल-अक्सा को 2 अक्टूबर 1187 ईसा (सल्जुक कैलेंडर के मुताबिक़ 27 रजब 583 हिज्री) में फ़तह (क़ब्ज़ा) किया था। यह वाक़िआ क्रुसेड युद्धों (सलीबी जंगों) के दौरान हुआ था। सलाहुद्दीन अय्यूबी, अय्यूबी सल्तनत के सुल्तान थे और उनका मक़सद मस्जिद अल-अक्सा और क़ुद्स (जेरूसलम) को फ़िरंगी (क्रुसेडर) फ़ौजों के क़ब्ज़े से आज़ाद करना था।

      इस फ़तह के बाद, सलाहुद्दीन अय्यूबी ने मस्जिद अल-अक्सा को मुसलमानों के लिए खोल दिया यह वाक़िआ इस्लामी तारीख़ में अहम है और सलाहुद्दीन अय्यूबी को इस्लाम के लिए एक अहम जंगजू और ग़ाज़ी (योद्धा) के तौर पर याद किया जाता है। 1099 ईसा के क्रुसेडर्स के क़ब्ज़े के बाद, मस्जिद अल-अक्सा मुसलमानों के लिए मुक़द्दस मस्जिद के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाता था और उसमें कुछ तब्दीलियाँ भी की गई थी। लेकिन इस फ़तह के बाद, सलाहुद्दीन अय्यूबी ने 1187 ईसा में जेरूसलम और मस्जिद अल-अक्सा को फिर से मुसलमानों के लिए क़याम किया।

4. इस्राइल का मस्जिद अल-अक्सा पर कब्ज़ा:

   सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी की फ़तह के 780 साल बाद, 1967 में Six-Day War (छे दिनों की जंग) के दौरान इस्राइल ने मस्जिद अल-अक्सा पर कब्ज़ा किया था, जब इस्राइल ने ईस्ट जेरूसलम को अपने कब्ज़े में लिया। यह घटना मध्य पूर्व और इस्राइल-फ़िलिस्तीन संघर्ष का एक महत्वपूर्ण पहलू है। मस्जिद अल-अक्सा के कब्ज़े के बाद, इस्राइल ने इस मस्जिद के आसपास के इलाके पर भी अपना नियंत्रण जमा लिया था।

    Dome of the Rock, ya Qubbat al-Sakhrah (Arabic: قبة الصخرة), एक मस्जिद है जो जेरूसलेम (क़ुद्स) के पुराने शहर में स्थित है। इस मस्जिद की तमीर 691 ईसा पूर्व में अब्दुल मलिक इब्न मरवान (उमय्यद ख़लीफ़ा) के दौरान हुई थी। यह मस्जिद मस्जिद अल-अक्सा के पास ही है, इसे उमय्यद वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण माना जाता है और इसका गुम्बद और कला सूजी उसके लिए मशहूर है। इस मस्जिद में "फाउंडेशन स्टोन" (सख़राह) भी मौजूद है, जिसे इस्लामी परंपरा में नबी मुहम्मद (सल्लाहु अलैहि वसल्लम) के इसरा और मिराज के मक़ाम की तरह माना जाता है। Dome of the Rock पैलेस्टाइन और जेरूसलेम के इस्लामी विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे इस्लामी वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण माना जाता है।




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