मुहर्रम

मसनूई और फ़र्ज़ी करबलाएँ:      करबला इराक में उस जगह का नाम है जहाँ हज़रत इमाम अली मक़ाम अपने साथियों के साथ यज़ीदी फ़ौजों के ज़रिए शहीद किए गए। अब जहाँ ताजिया जमा और फिर दफ़्न किए जाते हैं, उन जगहों को लोग करबला कहने लगे, मज़हब इस्लाम में उन फ़र्ज़ी क़र्बलाओ…

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ह ज़रत सैयदना इमाम हुसैन (रज़िअल्लाहू अनहु) और दूसरे हज़रत अहल-ए-बैत करम का ज़िक्र नज़्म में या नस्र में करना और सुनना यक़ीनन जाइज़ है, और बा'इस-ए-ख़ैर और बरक़त और नुज़ूल-ए-रहमत है, लेकिन इस सिलसिले में नीचे लिखी हुई चंद बातों को ध्यान में रखना ज़रूर…

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हुजूर के अहले बैत में एक बड़ी हस्ती, इमाम आली मुकाम सैय्यदुना हुसैन رضي الله عنه, बड़े मर्तबे के मालिक हैं। उनको सहाबा और अहले बैत के तौर पर भी जाना जाता है, यानी वो हुजूर के प्यारे बेटे और नवासे हैं। वो रात भर इबादत और कुरान की तिलावत करने वाले, मुत्ताकी, ब…

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