आपके बच्चे आपसे पूछे या ना पूछे, आप उन्हें ज़रूर ये बताया कीजिए कि हम "फलस्तीन" से इसलिए मोहब्बत करते हैं कि!.....
- मुसलमान फ़लस्तीन से मुहब्बत इस लिए करते हैं की ये फलस्तीन नबियों का मसकन और सरजमीं रही है।
- हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने फ़लस्तीन की तरफ हिजरत फ़रमाई।
- अल्लाह ने हज़रत लूत अलैहिस्सलाम को उस अज़ाब से निजात दी जो उनकी क़ौम पर इस जगह नाज़िल हुआ था।
- हज़रत दाऊद अलैहिस्सलाम ने इस सरजमीं पर सकूनत रखी और यहां अपना एक मेहराब भी तामीर फ़रमाया।
- हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम इस मुल्क में बैठ कर सारी दुनिया पर हूकूमत करते थे।
- कुरआन में चींटी का वह मशहूर किस्सा जिसमें एक चींटी ने बाकी साथियों से कहा था " ऐ चींटियों! अपने बिलों में घुस जाओ" ये किस्सा यहिं फलस्तीन के "असक़लान" शहर की वादी में पेश आया था।
- हज़रत ज़करिया अलैहिस्सलाम का मेहराब भी इसी शहर में है।
- हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने इस मुल्क के बारे में अपने साथियों से कहा था, इस मुकद्दस शहर में दाखिल हो जाओ! उन्होंने इस शहर को मुकद्दस इसलिए कहा था कि ये शिर्क से पाक और नबियों की सरजमीं है।
- इस शहर में कई मोअज़्ज़े हुए है जिनमें एक कुंवारी बीबी हज़रत मरयम के बतन (पेट) से ईसा अलैहिस्सलाम की पैदाइश हुई।
- हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम को जब उनकी क़ौम ने क़त्ल करना चाहा तो अल्लाह ने उन्हें इसी शहर से आसमां पर उठा लिया था।
- फलस्तीन से मोहब्बत ज़रूरी....क्यों ? ( पार्ट 2 )
निगाहें मुन्तज़िर है बैतूल मुकद्दस की फ़तह के लिए
या रब,फिर किसी सलाउद्दीन अय्युबी को भेज दे"......
#indiastandswithpalestine
#Allahuakbar