सवाल: तरावीह सुन्नत है या नफ़्ल..? जवाब: तरावीह मर्द और औरत सब के लिए सुन्नत-ए-मुअक्कदा है। इसका छोड़ना जाइज़ नहीं। सवाल: तरावीह की कितनी रिकात हैं..? Roman English Me Padhiye जवाब: तरावीह की 20 रिकात हैं। सवाल: 20 रिकात तरावीह की क्या हिकमत है...? जव…
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सब से पहले सेहरी में थोड़ा पहले उठ कर तहज्जुद की 4-6-या 8 रिकात पढ़ कर अपने रब से रो-रो कर दुआ मांगिए, अल्लाह और उसके रसूल की रज़ा मांगिए, जन्नत मांगिए जहन्नम से पनाह और अपने रिज़्क़ और अपने बच्चे- बच्चियों के अच्छे नसीब मांगिए, फिर मुनासिब मिक़दार में सेहरी …
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"ومن الناس من يشترى لهو الحديث ليضل عن سبيل الله بغير علم ويتخذها هزوا آولئك لهم عذاب مهين” (सूरह लुक्मान: आयत: 6) तर्जुमा: कंज़-उल-इरफ़ान) और कुछ लोग खेल की बातें ख़रीदते हैं ताकि बिना समझे अल्लाह की राह से भटका दें और उन्हें हंसी मज़ाक बना लें। उनक…
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Urdu / Roman ईमान अफरोज ख्वाब इस्लाम का सूरज तुलू होने से पहले जाहिलियत के दौर में एक नेक सीरत ताजिर (यानी बिजनेस मैन) मुलके शाम तिजारत (यानी बिजनेस) के लिए गया, वहां उसने एक ख्वाब देखा, जो "बुहैरा" नाम के राहिब को सुनाया। उस राहिब ने पूछा: तु…
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नमाज़ किस पर फ़र्ज़ है...? हर मुसलमान, आकिल बालिग मर्द और औरत पर रोज़ाना 5 वक़्त की नमाज़ फ़र्ज़ है। उसकी फ़र्ज़ीयत (यानी फ़र्ज़ होने) का इंकार कुफ़्र है। जो जान-बूझ कर एक नमाज़ तर्क करे वो सख़्त गुनाहगार और आज़ाबे नार का हक़दार है। Roman English Me Pa…
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सच की बरकत से 60 डाकू ताइब हो गए 9 ज़िल हुज शरीफ़ को एक लड़का अपने घर से बाहर निकला और खेत में हल चलाने वाले एक बैल के पीछे हो लिया। अचानक बैल उस लड़के की जानिब मुड़ा और नाम ले कर यूं बोला : ऐ फुलां ! तुम खेलकूद के लिये नहीं पैदा किये गए। लड़के ने बैल क…
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Join Whatsapp Channel हज़रत सुलेमान अलैहिस सलाम के दौर का दार-उल-हुकुमत यही था, यही से आप ने पूरे दुनिया पर हुकुमत की। फिलिस्तीन, अम्बिया-ए-करम अलैहिमुस सलाम की जाए सुकूनत रहा है। हज़रत दाऊद अलैहिस सलाम की इबादत गाह यही थी। हज़रत ज़करिया अलैहिस सलाम की इबादत …
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सलाम करना हमारे प्यारे आका ताजदारे मदीना ﷺ की बहुत प्यारी सुन्नत है। बद किस्मती से आज कल ये सुन्नत खतम होती हुई नज़र आ रही। अब लोग आपस में जब मिलते हैं तो अस्सलामु अलैकुम से शुरुवात करने के बजाए “आदाब अर्ज़„ “क्या हाल है„ सुबह बखैर , शब बखैर वगैरा …
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काबा शरीफ की तरफ मुंह कर के ऊंची जगह बैठना मुस्ताहब है, वुजु के लिए नियत करना सुन्नत है, नियत ना हो तब भी वुजू हो जायेगा मगर सवाब नही मिलेगा। दिल में नियत होते हुए ज़बान से भी कह लेना अफ़ज़ल है। लिहाज़ा ज़ुबान से नियत इस तरह कीजिए, के " में हुकुमे इ…
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सब से पहले एक बार सूरह काफिरून पढ़ें قُلْ یٰۤاَیُّهَا الْكٰفِرُوْنَ(1) لَاۤ اَعْبُدُ مَا تَعْبُدُوْنَ(2) وَ لَاۤ اَنْتُمْ عٰبِدُوْنَ مَاۤ اَعْبُدُ(3) وَ لَاۤ اَنَا عَابِدٌ مَّا عَبَدْتُّمْ(4) وَ لَاۤ اَنْتُمْ عٰبِدُوْنَ مَاۤ اَعْبُدُ(5) لَكُمْ دِیْنُكُم…
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